माँ तुम भी गलत , हो सकती हो ;
थक कर चूर , बेफिक्र ,सो सकती हो ।
हर काम में अवल , तुम हो ;
ऐसा , क्यों है ज़रूरी ?
तुम भी तो , कुछ चीज़ों में ;
कच्ची , हो सकती हो ।
माँ तुम भी गलत , हो सकती हो ;
थक कर चूर , बेफिक्र , सो सकती हो ।
माफ़ कर सकती हो अगर ;
तो गुस्सा भी तो ;
कभी-कभी , तुम कर ही सकती हो ।
पकवान बनाने में , तुम भी ;
गलती कर सकती हो ।
कुछ पकवान मुझसे भी ;
तुम बनाना , सीख सकती हो ।
माँ तुम भी गलत , हो सकती हो ;
थक कर चूर , बेफिक्र , सो सकती हो ।
बच्चों के सामने हर पल ;
बड़ा बनना क्यों है ज़रूरी ?
कभी-कभी, तुम भी तो ;
बच्ची बनकर , बचपना , कर सकती हो ।
मेरे पीछे दौड़ने के बजाए ,
तुम भी तो ;
मुझे , अपने पीछे ;
कभी-कभी , दौड़ा सकती हो ।
माँ तुम भी गलत , हो सकती हो ;
थक कर चूर , बेफिक्र , सो सकती हो ।
मेरे आँसुओं से तुम ;
अक्सर , अपना पल्लू , भिगो लेती हो ।
तुम भी तो कभी ;
मेरे सीने पे सर रख ;
रो सकती हो ।
अपने आँसुओं से , मेरी कमीज़ ;
भिगो सकती हो ।
माँ तुम भी गलत , हो सकती हो ;
थक कर चूर , बेफिक्र , सो सकती हो ।।
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A Very Happy Mother's Day to your mom!💓