उस दिन बहुत समय होगा अपने पास
जो नदी आज लाल पढ़ गई हैं
वो भी उस दिन नीली होगी
जिस अंधेरी गुफा में आज हम कैद है
उस से एक दिन हम निकल पाएंगे
जो तूफानी बदल आज छाए है
एक दिन वे भी छंट जाएंगे
बहुत समय होगा उस दिन
राजनीति पे चर्चा करने को
आरोप प्रत्यारोप करने को
आज रहने देते है
एक दूसरे को संभाल लेते है
मुश्किल में ही सही, थोड़ी जी लेते है
किसिका सहारा बन जाते है
कुछ न कुछ खा लेते है
और कुछ इलाज कर लेते है
उस दिन बहुत समय होगा
राजनीति पे चर्चा करने को
~Snehal Deb
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