शायरी कर मुझमें
एक छुट्टे ने फरमाया था
बुरा नहीं इतना भी में
हस हस के मुझको सुनाया था. ..
सालो साल चुप सा वह
आज अचानक झूम उठा
अपने सुलगते होंठो से
मेरी रूह को चूम उठा...
बता रहा था कैसे
एक ज़िन्दगी भी छूट्टा हैं
मिल जाए अगर एक कप चाय के साथ
तो हर एक कटरा मीठा हैं...
कोई पहने दो अंगूठियों में
कोई दो अंगुलियों में पकड़ता हैं
हम छुट्टे को नहीं जनाब
छुट्टे हम को जकड़ता हैं...
भरी बारिश मैं भीग के
एक चाय का ठेला देख लिया
एक cutting एक Light का
कहानी हमने भी सीख लिया..
तब हुई एक बात वहां
सुस्की लबो तक पहोची ही नहीं
एक लंबे गिले बाल सुखाती
एक हसीना ठेले पहुंच गई...
अब देख उसे पनवाड़ी ने
बारिश मैं दौर लगाई
बिन मांगे एक चाय की कप
उसकी हाथ थमाई...
उसका पहली काश लेते ही
वह लंबी सास चोढ़ देना और चिल्लाना
भैया खाते में लिख लेना..
बादल बनाती उसकी नजर
जब मूझपे परी
सफेद धुआ सफेद t-shirt
मानों कोई सफेद परी...
और देखके वह सफेद नीली कली
मेरे दिल की खिडकी खोल परी
मन में ही बोल पड़ा
की मा तेरी बहू मिल गई...
तब मुस्कुराके बोला उसने
इतना घुर मत जल्दी होश मैं आ
जल्दी से फूंक लेे उसे कहीं
चुत्ता ख़तम ना हो जाए..
नाम पूंछ लेना फुरसत से
जब मुकम्मल तेरा तालाब होगी
में कहीं भगुंगी नहीं जब तक
ये बारिश ख़तम होगी नहीं...
अब जैसे तैसे में चाई के कप को
एक घुत में खाली किया
आधे बचे छुट्टे को
एक काश में पी लिया...
अब जैसे ही बात बढ़ता
तब तक बारिश रुक सकी थी
वह भी बिन बदल आसमान को तसल्ली से
देख रही थी...
बाहर इतना पानी
फिर भी दिल पे सूखा पड़ गया
बनी बनाई बात को खुला आसमान
बिगड़ गया...
अभी बगल में खड़ी हसीना
नज़रों से उज्ज्वल हो सुकी थी
दो पल सपना दिखाकर असलियत में
जा सुकी थी..
तभी मैं और एक चूत्ता मंगवाई
Matches से आग जलाई
खिसा जैसे ही पहला कश
वह सफेद पड़ी लौट आई..
और कहा "चोड़ दे ये छुट्टे की आदत
आदत इतनी भी अच्छी नहीं
मैं यह नहीं कहता कि मत पियो
या पीने से जान गवां डोंगे
चलता है कभी कभी
पर घातक हैं छुट्टा अगर वह ज़िन्दगी का
मकसत हो जाए..
जब तक तुम छुट्टे को पियो ठीक हैं
पर ध्यान रहे ये छुट्टा ना तुम्हे पी जाए"
इस तरह से अगर सुट्टे का प्रचार करेंगे आप तो भला कैसे कोई अपने आप को smoker बन ने से रोकेगा..?
👍👍👍