दो पल में सिर्फ ;
कहाँ, किसी से प्यार होता है !
यह असल ज़िन्दगी में नहीं ,
बस, कहानियों का भाग होता है ।
कि, असलियत में तो ;
पलों की झड़ी, सी लगनी पड़ती है !
कई सिलसिलों की मानों ,
लड़ी सी लगनी पड़ती है ।
सिर्फ वो एक मुलाकात में तो,
बस किसी से आकर्षण ही होता है !
मगर, आकर्षण तो
कई वस्तुओं से भी, होने लगता है ;
जीव-जंतुओं से भी, होने लगता है ।
फिर, कुछ मुलाकातों के बाद ,
कई सारी, बातों के बाद ;
उसके साथ की आदत सी, होने लगती है ।
उसके न होने से, सीने में ,
मायूसी की दस्तक होने लगती है ।
मगर दिमाग फिर भी ;
ज़रा दिल को, संभलने को कहता है ।
पालतू जानवर की आदत होने पर ,
उसका साथ न हो जब ,
तो भी ऐसा सब होता है !
दिमाग, दिल से, बार-बार फिर यह कहता है ।
तो फिर इस मन मस्तिष्क में,
एक जंग सी छिड़ जाती है ।
वो मेरी सिर्फ एक दोस्त, एक शुभचिंतक है ?
या, इससे ज़्यादा ?
इसे जानने की, उत्सुतकता सी जग जाती है ।
फिर, बातों ही बातों में, इशारे दिए जाते हैं !
दोनों तरफ से पैगाम ,
दिए और लिए जाते हैं ।
फिर एक दिन, जब थोड़ी बातें लंबी चल जाती है ;
" माहौल सही है, दिल की बात कहने को !"
दिल से, वो आवाज़ आती है ;
तब जाकर सब, कहा-सुना जाता है ।
और तब तक के लिए जो यह ,
बेकरारी , बेखयाली रहती है ना ;
उसी को, प्यार कहते है !
इतने देर तक, जब वो एहसास बने रहते है ना ;
उन्हीं को, प्यार कहते है ।
वो पल दो पल में, जो कोई पसंद आजाए ;
उसे, बस आकर्षण कहते हैं ।
किसी का साथ खोने के डर को ;
बस, उसकी आदत होना कहते है ।
जो, पल दो पल में होजाए ;
उसे, प्यार नहीं !
बल्कि, जिसके लिए,
सिलसिलों की ज़रूरत महसूस हो ;
उसे, प्यार कहते हैं ।
इसलिए कहता हूँ मैं ;
" दो पल में कहाँ प्यार होता है ?
यह असल जिंदगी में नहीं !
बस कहानियों का, भाग होता है । "
©FreelancerPoet
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What do you think ? Can Love happen at first sight itself ?
Jab aankhon se pyar utar jaye,
Mann ki aawaze bhi shaant ho jaye,
Jab dil bikhar jaye,
Aur rooh bhi mar jaye,
Tab agar kuch baaki hai,
Toh woh pyar hai.
Ye jawab toh bhala wo insaan hi de sakte hain, jisko pyaar naseeb huwa hain. Humne toh bas pyaar khoya hain, har baar. 🙂