वो खयाल भी......
वो खयाल भी, एक ज़रूरी खयाल है !
जो, खयालात ही, बदल कर रख दे ।
वो सवाल भी, एक ज़रूरी सवाल है !
जो, सवालों को ही, बदल कर रख दे ।
की, ज़रूरी तो है नहीं कि ;
जवाब ही, सवाल का अंत हो हर बार ।
कई सवाल भी, ऐसे होते हैं ;
जो खुद, जवाब से बेहतर होते हैं !
कई खयाल भी, ऐसे होते हैं ;
जो, हकीकत से, बेहतर होते हैं ।
कई जवाब भी, ऐसे होते हैं ;
जो, सवालों की शुरुवात करते हैं !
और, कई बार, ऐसा भी होता है जनाब ,की,
सवाल भी, जवाब बनकर, उनका अंत करते हैं ।
तो सवालों, खयालों से डरना ज़रा छोड़िए ।
यह भेड़-चाल, कम सोचने वाली, हरकत है जो !
उसको, ज़रा पीछे छोड़िए ।
की, आगे बढ़ने के खातिर ;
कुछ तो छोड़ना ही है ।
तो, क्यों ना, सवाल न करने की आदत को,
खयालों को दबाने की आदत को ,
ज़रा सा, पीछे छोड़िए ।
जरा सा, पीछे छोड़िए ।।
~~ FreelancerPoet
हर सवाल का अगर जवाब मिल जाता
हर रोग का अगर दावा मिल जाता
चलो माना,
कई मुश्किलें हमारी आसान हो जाती
कई मायूस चेहरों पर मुस्कान खिल जाती
मगर फिर,
ज़िन्दगी जीने की
कुछ नया सोचने की
थोड़ा आगे बढ़ने की
जरूरत क्या रह जाती?