एक अजनबी।
कही खोई सी,
थोड़ी चंचल सी,
बारिश जैसी ।
एक अजनबी
थोड़ी रूठी सी।
दुनिया से अंजान।
ख्वाबों में खोई सी,
सावन से हैं उसकी दोस्ती।
सपनों में खुदको धुंदे,
मिश्री सी,
कभी थोड़ी खट्टी।
जाने कहा से हैं आई
ये अजनबी।
किसी ने ना देखा
किसी ने ना सुना।
तिटली जैसी,
नादान, बेखबर, केसी हैं ये पहेली?
एक अजनबी।
नेहा भराली। 🌻
(इस अजनबी से हैं हमारी पुरानी दोस्ती)
so lovely dear...............