वो हमसे सवाल करते हैं ;
हमारे देश प्रेम को लेकर ;
बवाल करते हैं ।
खुदके कागजाद दिखा नहीं सकते ;
मगर हमसे, हमारे पुरखों तक के ,
कागजाद दिखाने, की मांग करते हैं ।
वो हमसे सवाल करते हैं ;
हमारे देश प्रेम को लेकर ;
बवाल करते हैं ।
तिरंगे में सिर्फ एक रंग को ;
देखने की वो मनोकामना करते हैं ।
धार्मिक हिंसा को फैलाकर ;
वो सभी धर्मों को ;
सम्मान करने की दुहाई करते हैं ।
वो हमसे सवाल करते हैं ;
हमारे देश प्रेम को लेकर ;
बवाल करते हैं ।
माफीनामा देने वालों को ;
वो वीर शब्द से सम्मानित करते हैं ।
जिन्होंने अहिंसा से ,
स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी ;
उनका तिरस्कार वो सरेआम करते हैं ।
वो हमसे सवाल करते हैं ;
हमारे देश प्रेम को लेकर ;
बवाल करते हैं ।
हमारी आवाज़ उन तक पोहचने वालों से ;
वो अपनी आवाज़ को बुलंद करते हैं ।
हमारे आवाज़ से खौफ है इतना कि ;
आवाज़ उठाने वालों को ;
वो गोली से मारने की बात करते हैं ।
वो हमसे सवाल करते हैं ;
हमारे देश प्रेम को लेकर ;
बवाल करते हैं ।
जो किराएदार हैं आज कल के ;
घर के मालिक नहीं ।
इस बात को भूल ;
घर के मालिक को ही ;
घर से निकलने की बात करते हैं ।
वो हमसे सवाल करते हैं ;
हमारे देश प्रेम को लेकर ;
बवाल करते हैं ।
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Absolutely loved it!
It's good but very offensive for some .
Yes. Very frustrating at times. A bad government discourages patriotism.